नानक
अल्ला रखेगा वैसा भी रहेना ।
मौला रख्खेगा वैसा भी रहेना ॥ धृ. ॥
कोई दिन सिरपर छतर उडावे ।
कोई दिन सिरपर घडा चढावे ।
कोई दिन तुरंग उपर चढावे ।
कोई दिन पावस खासा चलावे ॥ १ ॥
कोई दिन शक्कर दूध मलिदा ।
कोई दिन अल्ला मारता गदा ।
कोई दिन सेवक हात जोड खडे ।
कोई दिन नजिक न आवे धेडे ॥ २ ॥
कोई दिन राजा बडा अधिकारी ।
एक दिन होय कंगाल भिकारी ।
एका जनार्दनी करत कर तारी ।
गाफल केंव करता मगरूरी ॥ ३ ॥