भांड
हुवा भांड माया छांड एक संग पकडा । जोरू लडके मायबाप सबकू बस करा ॥ १ ॥
सबसे हुवा न्यारा मुजे एक लगा प्यारा ॥ ध्र० ॥
खावे चिदबुंदकी भंग मैं तो मगन हुवा दंग । छटक फटक टाळी बाजे मुमें बाजे चंग ॥ २ ॥
उपतरले अंदर भीतर सज्जन भरा पुरा ॥ ३ ॥
चौक म्याने आन खडे देखत है रहा । बडे बडे बेफाम घरोघर यारा ॥ ४ ॥
बेद नीती सब कोई जान जाने किताब पुरा । मा बेटीकी सुद नहीं एक सीर मारा ॥ ५ ॥
हाम जपी हाम तपी चारो देश फिरा । जमुनामें लटापटी व्यास नाम धरा ॥ ६ ॥
बिसरा राम भरा काम मागन लगा औरत । दौडो यार किया जोर लरकी नरकी घेरा ॥ ७ ॥
बडे हट्टी अंगपर छाटी एक पग खडा । देख माया खुसाखुसी डालन लागा घेरा ॥ ८ ॥
आप चल मकानकु बिसारत करेकु । भरी मजलस हासाहासी उतार दिया कुरा ॥ ९ ॥
आप करते तप करते वोबी भूल पडा । इतर जनकी क्या बिशाद छेजनकु मारा ॥ १० ॥
आगे आगे देख करनी संग हुवा एका । जनार्दनकी मेहर हुवी माथो कर धरा ॥ ११ ॥