पए-नज्रे-करम तोहफ़ा है शर्मे-ना-रसाई का
पए-नज़्रे-करम[1] तोहफ़ा है शर्मे-ना-रसाई[2] का
ब-ख़ूं-ग़ल्तीदा-ए-सद-रंग[3] दावा पारसाई[4] का
न हो हुस्ने-तमाशा दोस्त रुस्वा बे-वफ़ाई का
बमुहरे-सद-नज़र[5] साबित है दावा पारसाई का
ज़काते-हुस्न[6] दे ऐ जल्वा-ए-बीनिश[7] कि मेहर-आसा[8]
चिराग़े-ख़ाना-ए-दरवेश[9] हो कासा-गदाई[10] का
न मारा जानकर बेजुर्म ग़ाफ़िल[11], तेरी गरदन पर
रहा मानिन्दे[12]-ख़ूने-बे-गुनाह हक़ आशनाई[13] का
तमन्ना-ए-ज़बां[14] महवे-सिपासे-बे-ज़बानी[15] है
मिटा जिससे तक़ाज़ा शिकवा-ए-बे-दस्तो-पाई[16] का
वही इक बात है जो यां नफ़स[17], वां नकहते-गुल[18] है
चमन का जल्वा बा`इस[19] है मेरी रंगीं-नवाई[20] का
दहाने-हर-बुते-पैग़ारा-जू[21] ज़ंजीरे-रुसवाई
अ़दम[22] तक बे-वफ़ा! चर्चा है तेरी बे-वफ़ाई का
न दे नाले[23] को इतना तूल 'ग़ालिब' मुख़्तसर[24] लिख दे
कि हसरते-संज[25] हूं अर्ज़े-सितम-हाए-जुदाई[26] का
- ↑ दयालुता की तरह
- ↑ अयोग्यता पहुंचने की लज्जा
- ↑ सौ तरह खून में लिथड़ा हुआ
- ↑ पवित्रता
- ↑ सैंकड़ों नजरों की मुहर
- ↑ सौंदर्य दान
- ↑ आँखों की ज्योति
- ↑ सूर्य की तरह
- ↑ भिखारी के घर का चिराग
- ↑ भिक्षा-पात्र
- ↑ बे-परवाह
- ↑ की तरह, जैसे
- ↑ दोस्ती
- ↑ बोलने की तमन्ना
- ↑ मौन का प्रशंसा में लीन
- ↑ मजबूरी की शिकायत
- ↑ साँस
- ↑ फूल की खुशबू
- ↑ कारण
- ↑ मधुर ध्वनि
- ↑ हर लड़ाकू प्रेयसी का मुँह
- ↑ परलोक
- ↑ रुदन
- ↑ संक्षेप में
- ↑ इच्छुक
- ↑ वियोग की कठोरता की शिकायत