कविता १९
बहुत कुछ है जानने और कहने के लिए इस दिल में ए "साहिल" कभी फुरसत से बैठो तो कुछ गुफ्तगू हो,
कह लेना जो कहना हो तुम्हे मुझसे कुछ हम भी बयाँ दास्ताँ ए जिंदगी करेंगे |
कह लेना जो कहना हो तुम्हे मुझसे कुछ हम भी बयाँ दास्ताँ ए जिंदगी करेंगे |