लेक बेर्रीएस्सा
सितम्बर 27 १९६९ को पसिफ़िक यूनियन कॉलेज के छात्र ब्रायन हर्त्नेल्ल और सेसिलिया शेफर्ड लेक बेर्रीएससा के एक छोटे से द्वीप जो ट्विन ओक रिज से जुड़ा हुआ है पर पिकनिक कर रहे थे | एक आदमी एक कसाई के जैसे हुड पहन कर उनके पास आया | उसने आँखों के ऊपर सन्ग्लास्सेस पहने थे और उसकी छाती पर बिब के प्रकार का कुछ लगा था जिसमें एक सफ़ेद ३*३ (७६मम*७६मम) का पार चक्र का चिन्ह बना था | वह उनके पास एक बन्दूक लेकर आया जो हर्त्नेल्ल का मानना है की .४५ थी | उसने कहा की वो डियर लॉज मोंताना से भगा हुआ कैदी है और उसने एक गौर्ड का क़त्ल किया है और एक गाड़ी भी चुराई है , और उसे उनके पैसे और कपडे चाहिए मेक्सिको जाने के लिए | वह अपने साथ कपडे टांगने वाली रस्सी के कटे हुए टुकड़े लाया था और उसने शेपर्ड से हर्त्नेल्ल को बाँधने को कहा और फिर खुद शेपर्ड को बाँध दिया | जब उसे पता चला की शेपर्ड ने हर्त्नेल्ल के हाथ हलके से बांधे थे तो कातिल ने हर्त्नेल्ल की गांठों को और कस दिया | पहले तो हर्त्नेल्ल को लगा ये एक चोरी का मामला है लेकिन कातिल ने चाकू निकाल दोनों पर बार बार उससे वार किया | कातिल बाद में ५०० यार्ड्स (४६०) मीटर चल कर क्नोक्स्विल्ल रोड पर पहुंचा | उसके बाद उसने हर्त्नेल्ल के कार के दरवाज़े पर काले फेल्ट टिप की कलम से पार चक्र का चिह्न बनाया और नीचे लिखा :”वल्लेजो /१२-२०-६८/७-४-६९/सितम्बर २७ -६९ -6:३० चाकू द्वारा |
शाम १९:४० पर कातिल ने नापा काउंटी के शेरिफ के दफ्तर में अपने नए क़त्ल की खबर देने के लिए एक पे टेलीफोन से फ़ोन किया | कुछ मिनट बाद ही वो फ़ोन अभी भी उठी हुई हालत में नापा की मैन स्ट्रीट में स्थित कार वाश में कवोन रेडियो के पत्रकार पैट स्टैनले को मिला | ये जगह शेर्रिफ के दफ्तर से कुछ ब्लाक मगर घटना स्थल से २७ मील ( ४३ किलोमीटर) दूरी पर है | जांचकर्ताओं को टेलीफोन पर से एक गीले हाथ के निशाँ मिले पर वह किसी भी संदिग्ध से मेल नहीं खाते थे |
उनकी मदद के लिए चीखें सुन एक आदमी और उसका बेटा जो पास में मछली पकड़ रहे थे उन्होनें शिकारों को ढूँढा और पार्क रेंजेर्स से मदद माँगी | नापा काउंटी के शेर्रिफ डेपुटीस डेव कॉलिंस और रे लैंड घटना स्थल पर पहुँचने वाले पहले काननों प्रवर्तन अधिकारी थे | जब कॉलिंस पहुंचे तो सेसलिया शेपर्ड होश में थी और उन्होनें कातिल का विस्तृत हुलिया बता दिया | हर्त्नेल्ल और शेपर्ड को एम्बुलेंस से क्वीन ऑफ़ वैली अस्पताल नापा ले जाया गया | शेपर्ड रास्ते में ही कोमा में चली गयीं और फिर वापस होश में नहीं आयीं | दो दिन बाद उनकी मौत हो गयी लेकिन हर्त्नेल्ल बच गए अपनी कहानी प्रेस को बताने के लिए | नापा काउंटी के शेर्रिफ डिटेक्टिव केन नरलो शुरू से इस केस के साथ जुड़ गए और १९८७ में अपनी सेवानिवृत्ती तक इस पर काम करते रहे |