भयानक अनसुलझी सीरियल हत्याएं: भाग १
यहाँ लिस्टवर्स में हमारे दर्शक सीरियल किलर्स से बहुत आकर्षित होते हैं | इंसानों को ऐसे राक्षसों के बारे में जानने में गहरी जिज्ञासा होती है जो ऐसे गुनाहों को अंजाम देते हैं; यह इस समय की हमारी सबसे लोकप्रिय सूची का एक महत्वपूर्ण विषय है।
हम ऐसा सोचना चाहते हैं की ये कातिल अंत में ढूँढ लिए जायेंगे और – पर ज़ाहिर है ऐसा हमेशा नहीं होता है | कई सीरियल कातिल कई सालों और कई दशकों तक पकडे नहीं जाते हैं और कुछ तो बिलकुल ही नहीं पकडे जाते हैं | नीचे लिखे १० लोगों में से कोई एक भी अभी भी खुला घूम रहा है :
कातिल फेब्रुअरी ९
फेब्रुअरी ९ को साल्ट लेक सिटी के उपनगर में एक हिस्पैनिक औरत पर हमला कर उसका क़त्ल कर दिया गया जब वह अपने घर में अकेली थी | अविश्वसनीय ढंग से ऐसा २ बार पहले भी हुआ था , २००६ और २००८ में | पहले इन परिस्थितियों को एक भयानक सम्भावना करार दिया गया , दोनों ही जगहों से मिले सबूत और डीएनए के विश्लेषण से बाद में साबित हुआ की यह सारे मर्डर एक ही आदमी ने किये हैं , जिसका नाम मीडिया ने झट से “फेब्रुअरी ९ कातिल” रख दिया |
२००६ के केस में शिकार सोनिया मेजिया गर्भवती थी जब उन पर हमला कर उनका गला घोंटा गया | उनके घर से कुछ सामान चोरी किया गया , पर उसमें से कुछ भी वापस नहीं मिला | २००८ के केस में दमिआना कास्तिल्लो का क़त्ल मेजिया के घर से करीबन १ मिल दूर उनके घर पर किया गया | दोनों हे केसेस में ज़बरदस्ती प्रवेश के कोई संकेत नहीं थे – शामिल जांच एजेंसीज ने कातिल को “सीरियल किलर” नाम देने में थोड़ी झिझक दिखाई , लेकिन ये एक ऐसे इंसान ही पहचान हो सकती थी जिसने दो औरतों को मिलते जुलते तरीके से एक ही तारिख को मगर दो साल के फर्क में क़त्ल किया |
हालाँकि पुलिस के पास कातिल की एक अस्पष्ट तस्वीर है ,वह ये नहीं बता रहे हैं की वह उस तक कैसे पहुंचे , और जहाँ उनके पास एक डीएनए प्रोफाइल है उसका मैच अभी तक उन्हें नहीं मिला है – जिसका मतलब ये है की जब तक कातिल खुद किसी और जुर्म के लिए अपना सैंपल नहीं देता , वो शायद कभी नहीं पकड़ा जाएगा |
द फैंटम किलर
टेक्सरकाना , टेक्सस और टेक्सरकाना ,अरकंसास के जुड़वाँ शहरों में सिर्फ एक सीरियल क़त्ल का केस सामने आया है और उसने १९४६ में इस इलाके को काफी महीनों तक भयग्रस्त रखा था | हमला सप्ताह के अंत में रात को होता था , और कुछ हफ्ते बीतने के बाद होता है , कुल ५ लोग मारे गए और ३ लोग घायल हुए | इस केस ने लोगों को इतना रोमांचित किया की ३० साल बाद उस पर एक हॉरर फिल्म “द टाउन दैत डरेडेड सनडाउन” बनाई गयी |
सिर्फ पहले दो शिकारों ,मैरी जेंने लारे और जिमी होल्लिस अपने हमलावर का हुलिया बता पाए – और वह उपयोगी होने से ज्यादा डरावना था | उन्होनें एक ६ लम्बे आदमी का ज़िक्र किया जिसके सर पर सफ़ेद बोरी बंधी थी ,जिसमें आँखों और मुंह की जगह पर छेद किये गए थे | ये नहीं मालूम की कातिल ने इस नकाब को और हमलों के वक़्त भी पहना था क्यूंकि बाकी बचे एक शिकार ने उसका चेहरा नहीं देखा | कातिल .३२ कैलिबर की पिस्तौल का इस्तेमाल करता था , हर तीन हफ्ते बाद हमला करता , और अक्सर क़त्ल रात के अँधेरे में करता |
ऐसे ही एक क़त्ल के बाद शेरिफ विलियम प्रेस्ली ने प्रेस से कहा ,” ये किलर मेरी जानकारी में सबसे खुशकिस्मत इंसान है | कोई उसे न देखता है , न सुनता है और न ही किसी तरीके से उसे पहचान पाता है” | इसी वजह से प्रेस ने उसका नाम फैंटम किलर रख किया और इन कत्लों को टेक्सरकाना मूनलाइट मर्डर्स का नाम दे दिया | एक संदिघ्ध यौएल्ल स्विन्नी को बार बार कार चोरी के जुर्म में १९४७ में सजा हुई और वह १९७३ में जेल से रिहा हुआ ; लेकिन उस पर इन जुर्मों का आरोप नहीं लगाया गया | हालाँकि कुछ कानून प्रवर्तन के सदस्यों ने प्रेस ने ऐसी भी अटकलें लगाईं की यह जोडिएक किलर का शुरुआती काम हो सकता है , लेकिन ऐसा किसी ने साबित नहीं कर पाया |
द डूडलर
१९७० में अमेरिका में गे होना बहुत ही मुश्किल और कई बार डरावनी बात थी | आसानी से स्वीकार करने वाले समुदायों में भी नफरत कभी भी अपना भयानक रूप दिखा सकती थी – और ऐसा ही एक कम उम्र के गे आदमियों के कातिल को समझ में आया |
द डूडलर या “ब्लैक डूडलर” उसे ये नाम प्रेस ने इसलिए दिया क्यूंकि वह अपने क़त्ल ऐसे ही करता था ; वह पहले अपने शिकारों के घर में साथी की तरह प्रवेश पाता था, और उनका स्कैत्च बनाता , और फिर चाकू मरकर उनकी हत्या कर देता था | ये कितनी डरावनी बात है ?
जनवरी १९७४ और फेब्रुअरी १९७५ के बीच कम से कम १४ गे आदमियों का क़त्ल हुआ | तीन और आदमियों पर हमला हुआ पर वह बच गए – फिर भी ये केस सुलझ नहीं पाया क्यूंकि इन लोगों ने मुख्य अभ्युक्त के खिलाफ गवाही दे अपने आप को सामने लाने से इनकार कर दिया | हालाँकि ये क़त्ल सैन फ्रांसिस्को में हुए था जो की उस वक़्त अमेरिका के स्वीकार करने वाले समुदायों में से एक था, ये शिकार अपने गुनेहगार से ज्यादा सबके सामने आने से डरते थे |
इनमें से दो शिकार लोकप्रिय हस्ती थे – एक डिप्लोमेट और एक मनोरंजक | हार्वे मिल्क सैन फ्रांसिस्को के उस वक़्त के मेयर जो की खुद भी गे हैं उन्होनें कहा की “ में उनकी स्थिती समझ सकता हूँ | समाज द्वारा डाले गए दबाव की में इज्ज़त करता हूँ ...मेरा मानना है की ये लोग सबके सामने नहीं आना चाहते हैं “| शर्मनाक बात है की पुलिस ने किसी संदिग्ध का न तो नाम लिया न उसको बंदी बनाया और ये केस काफी सालों से ठंडा पड़ गया है |
वेस्ट मेसा बोन कलेक्टर
फेब्रुअरी २००९ में एक शक्स ने अल्बुक़ुएर्क़ुए न्यू मेक्सिको के वेस्ट मेसा इलाके में अपने कुत्ते को घुमाते वक़्त एक इंसान की हड्डी की खोज की | इस खोज से अमेरिका के इतिहास के क्षेत्र के हिसाब से सबसे बड़ा गुनाह सामने आया – एक ऐसे अज्ञात खूनी के डंपिंग ग्राउंड्स , जिसे स्थानीय लोगों ने बोन कलेक्टर का नाम दिया |
ग्यारह औरतों के अवशेष जो सारी वेश्याएं थीं , उस स्थान से बरामद हुए , उसके बाद के सालों में कोई सुराग हासिल नहीं हुआ | ना कोई डीएनए , ना हत्या के हथियार मिले; ना ही कोई संभव चरित्र वर्णन कुछ भी नहीं मिला | वेश्याएं आज भी इस कातिल के डर के साए में जीती हैं , हालाँकि कई सालों से उसके कोई क़त्ल सामने नहीं आये हैं ; कुछ बेईमान ग्राहक ये कहकर की वे हत्यारा हो सकते हैं वेश्याओं से अपनी बात मनवा लेते हैं । वह उनका बोगेय्मन है ऐसा सेफ सेक्स वर्क एक लोकल नॉन प्रॉफिट के मालिक ने कहा |
स्थानीय पुलिस ने वेश्याओं से जुड़े बलात्कार और मार पीट के किस्सों को हलके में लेना बंद कर दिया है और एक “बेड डेट लिस्ट “ – ऐसे स्थानीय आदमियों के नाम जिन्होंने वेश्याओं के साथ बदतमीजी की – का अब नियमित रूप से संकलन किया जाता है | स्थानीय वेश्याएं अब बेहद चौक्कान्ना रहने लगी हैं , इससे हो सकता है कातिल के इरादे थोड़े पस्त हो गए हों , फिर भी उसकी पहचान अभी भी एक रहस्य है |
द अल्फाबेट मर्डर्स
१९७० के दशक की शुरुआत में रोचेस्टर न्यू यॉर्क के आस पास के इलाके में क्रूर हत्याओं की श्रृंखला की शुरुआत हुई | शिकार सारी कम उम्र की लड़कियां थीं – पर येही सिर्फ उनमें समानता नहीं थी | कारमेन कोलों , वांडा वाल्कोविच्ज़ और मिशेल मेंजा के नाम और उपनाम का पहला अक्षर एक था , जिससे प्रेस ने शुरू शुरू में इन हत्याओं को “ डबल इनिशियल किल्लिंग्स “ का नाम दे दिया और फिर बदल कर उसे “ अल्फाबेट मर्डर्स “ कहने लगे |
कई लोगों से इन गुनाहों से जुड़े सवाल किये गए , और एक संदिग्ध जिसने आख़री खून के बाद अपनी जान ले ली को आरोपी माना जाने लगा – २००७ में जब डीएनए टेस्टिंग से निर्दोष पाए जाने तक |
उसी तरह शिकार लड़कियों में से एक के अंकल को भी प्रमुख अभियुक्त माना गया ; उस पर भी केस नहीं चलाया गया और डीएनए टेस्टिंग आने के बाद वह भी निर्दोष साबित हो गया | रोचेस्टर निवासी केनेथ बिअंची भी काफी समय से शक के घेरे में हैं | लोस अंजेलेस जाने के बाद उसने और उसके कजिन ने “हिलसाइड स्ट्रांगलेर” के नाम से कुछ हत्याओं को अंजाम दिया – हालाँकि बिअंची को कभी रोचेस्टर हत्याओं से बेदखल नहीं किया गया उसको उनके लिए पकड़ा भी नहीं गया और वो अभी भी अपने आप को निर्दोष बताता है |
इसके अतिरिक्त २०११ में ७७ साल के न्यू यॉर्क के निवासी जोसफ नसो पर १९७० में कैलिफ़ोर्निया में ४ औरतों के क़त्ल का दोषी पाया गया | उसको शायद रोचेस्टर केस से नहीं जोड़ा जाता अगर उसके शिकारों के नाम ये नहीं होते : रोक्सेने रोग्गाश ,पामेला पारसंस , ट्रेसी तोफोया और अविश्वसनीय रूप से एक और कारमेन कोलों | पर लिखते वक़्त तक नसों की पेशी कैलिफ़ोर्निया केस में भी बार बार स्थगित हो रही है और उसे रोचेस्टर अल्फाबेट मर्डर्स के लिए भी दोषी नहीं माना गया है |