कब तक आख़िर मुश्किलाते-शौक़[1] आसाँ कीजिए अब मोहब्बत को मोहब्बत पर ही क़ुर्बाँ कीजिए चाहता है इश्क़ ,राज़े-इश्क़ [2]उरियाँ[3] कीजिए यानी[4] ख़ुद खो जाइए उनको नुमायाँ [5]कीजिए