रूप नाम अरूप रूपाचें रूपस...
रूप नाम अरूप रूपाचें रूपस । कांसवी डोळस निगमागमें ॥१॥
तो हा ब्रह्मामाजि गोपाळ सांगाती । यशोदे हो प्रति दूध मागे ॥२॥
जो रेखा अव्यक्त रेखेसिहि पर । दृश्य द्रष्टाकार सर्वाभूतीं ॥३॥
निवृत्ति तटाक चक्रवाक एक । वासनासि लोक गुरुनामें ॥४॥
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