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स्वस्थिति

धांव घाली विठु आतां चालू नको मंद । बडवे मज मारिती ऐसा कांहीं तरी अपराध ॥१॥

विठोबाचा हार तुझे कंठीं कैसा आला । शिव्या देती महारा म्हणती देव बाटविला ॥२॥

अहोजी महाराज तुमचे द्वारींचा कुतरा । नकाजी मोकलू चक्रपाणी जिमेदारा ॥३॥

जोडूनिया कर चोखा विनवितो देवा । बोलिलों उत्तरें परि राग नसावा ॥४॥

संत चोखामेळा - अभंग संग्रह २

संत चोखामेळा
Chapters
अद्वैत अद्वैत अद्वैत अद्वैत अद्वैत अभंग अद्वैत अद्वैत अद्वैत अद्वैत स्वस्थिति. स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति लावणीक ११६ वी फुढिल भाग