Get it on Google Play
Download on the App Store

अद्वैत

काळाचा विटाळ जीवशिवा अंगी । बांधलासे जगी दृढ गांठी ॥१॥

विटाळीं विटाळ चवदाही भुवनें । स्थावर जंगम व्यापुनी विटाळची ॥२॥

सुखासी विटाळ दुःखासी विटाळ । विटाळीं विटाळ वाढलासे ॥३॥

विटाळाचें अंगी विटाळाचे फळ । चोखा तो निर्मळ नाम गाय ॥४॥

संत चोखामेळा - अभंग संग्रह २

संत चोखामेळा
Chapters
अद्वैत अद्वैत अद्वैत अद्वैत अद्वैत अभंग अद्वैत अद्वैत अद्वैत अद्वैत स्वस्थिति. स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति स्वस्थिति लावणीक ११६ वी फुढिल भाग