सम्राट कनिष्क प्रथम (127 ई. से 140-50 ई. लगभग)
कनिष्क कुषाण प्रजाति से आये थे | ये जाती तिब्बत के कबीले के लोग थे |हूणों के आक्रमण से घबरा इन लोगों ने अपना राज्य छोड़ कर काबुल और कंदहार पर कब्ज़ा कर लिया | उस समय शक अपना साम्राज्य फैला चुके थे | कुषाणों ने अपना साम्राज्य पश्चिम पंजाब तक फैला लिया था |इन्ही में सबसे शक्तिशाली राजा था सम्राट कनिष्क | काबुल इत्यादि क्षेत्रों में आज भी कनिष्क के नाम का ज़िक्र देखने को मिलता है |कनिष्क के राज्य की उत्तरी सीमा चीन से शुरू होती थी | उन्हें भारत में कार्तिकेय की पूजा को बढ़ाने का श्रेय भी दिया जाता है |