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2001-02

नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री का अपना पहला कार्यकाल 7 अक्टूबर 2001 से शुरू किया। इसके बाद मोदी ने राजकोट विधानसभा चुनाव लड़ा। जिसमें काँग्रेस पार्टी के आश्विन मेहता को 14,728 मतों से हरा दिया।

नरेन्द्र मोदी अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिये समूचे राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं। उनके व्यक्तिगत स्टाफ में केवल तीन ही लोग रहते हैं, कोई भारी-भरकम अमला नहीं होता। लेकिन कर्मयोगी की तरह जीवन जीने वाले मोदी के स्वभाव से सभी परिचित हैं इस नाते उन्हें अपने कामकाज को अमली जामा पहनाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती। उन्होंने गुजरात में कई ऐसे हिन्दू मन्दिरों को भी ध्वस्त करवाने में कभी कोई कोताही नहीं बरती जो सरकारी कानून कायदों के मुताबिक नहीं बने थे। हालाँकि इसके लिये उन्हें विश्व हिन्दू परिषद जैसे संगठनों का कोपभाजन भी बनना पड़ा, परन्तु उन्होंने इसकी रत्ती भर भी परवाह नहीं की; जो उन्हें उचित लगा करते रहे। वे एक लोकप्रिय वक्ता हैं, जिन्हें सुनने के लिये बहुत भारी संख्या में श्रोता आज भी पहुँचते हैं। कुर्ता-पायजामा व सदरी के अतिरिक्त वे कभी-कभार सूट भी पहन लेते हैं। अपनी मातृभाषा गुजराती के अतिरिक्त वह हिन्दी में ही बोलते हैं।

मोदी के नेतृत्व में २०१२ में हुए गुजरात विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। भाजपा को इस बार ११५ सीटें मिलीं।

नरेन्द्र मोदी

गणित तज्ज्ञ
Chapters
नरेन्द्र दामोदरदास मोदी निजी जीवन प्रारम्भिक सक्रियता और राजनीति गुजरात के मुख्यमन्त्री के रूप में 2001-02 गुजरात के विकास की योजनाएँ मोदी का वनबन्धु विकास कार्यक्रम श्यामजीकृष्ण वर्मा की अस्थियों का भारत में संरक्षण आतंकवाद पर मोदी के विचार 2002 के गुजरात दंगे २०१४ लोकसभा चुनाव : प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार लोक सभा चुनाव २०१४ में मोदी की स्थिति २०१४ लोकसभा चुनाव: परिणाम भाजपा संसदीय दल के नेता निर्वाचित वडोदरा सीट से इस्तीफ़ा दिया प्रधानमन्त्री के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उपाय भारत के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध सूचना प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता रक्षा नीति घरेलू नीति आमजन से जुड़ने की मोदी की पहल ग्रन्थ सम्मान और पुरस्कार