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भगवान श्रीराम की वंश परंपरा

हिंदू धर्म में श्रीराम को विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। श्रीराम का जन्म इक्ष्वाकु के कुल में हुआ था। जैन धर्म के तीर्थंकर निमि भी इसी कुल के थे।
 
श्रीराम के कुल के पूर्वज थे पृथु, त्रिशंकु, सगर, भगीरथ, रघु, नहुष, यायाति आदि । श्रीराम के आगे के कुल में लव और कुश के अलावा लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्‍न के पुत्रों का वंश चला। राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ, जिसमें बर्गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला। इसकी दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूत वंश की। जिसमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए। कुश से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश चला। एक शोधानुसार लव और कुश की 50वीं पीढ़ी में राजा शल्य हुए ‍जो की महाभारत युद्ध में कोरवों की ओर से लड़े थे।