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नलकुबेर का रावण को श्राप

वाल्मीकि रामायण के अनुसार विश्व विजय करने के लिए जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। अपनी वासना पूरी करने के लिए रावण ने उसे पकड़ लिया। तब उस अप्सरा ने कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए आरक्षित हूं। 

इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी और रंभा से दुराचार किया। यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि आज के बाद रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसको स्पर्श करेगा तो उसका मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएगा।

पुराणों के सबसे प्रसिद्द श्राप

हिंदी संपादक (विशेष लेखन)
Chapters
भूमिका युधिष्ठिर का स्त्री जाति को श्राप ऋषि किंदम का राजा पांडु को श्राप माण्डव्य ऋषि का यमराज को श्राप नंदी का रावण को श्राप कद्रू का अपने पुत्रों को श्राप उर्वशी का अर्जुन को श्राप तुलसी का भगवान विष्णु को श्राप श्रृंगी ऋषि का परीक्षित को श्राप राजा अनरण्य का रावण को श्राप परशुराम का कर्ण को श्राप तपस्विनी का रावण को श्राप गांधारी का श्रीकृष्ण को श्राप महर्षि वशिष्ठ का वसुओं को श्राप शूर्पणखा का रावण को श्राप ऋषियों का साम्ब को श्राप दक्ष का चंद्रमा को श्राप माया का रावण को श्राप शुक्राचार्य का राजा ययाति को श्राप ब्राह्मण दंपत्ति का राजा दशरथ को श्राप नंदी का ब्राह्मण कुल को श्राप नलकुबेर का रावण को श्राप श्रीकृष्ण का अश्वत्थामा को श्राप तुलसी का श्रीगणेश को श्राप नारद का भगवान विष्णु को श्राप गौतम का इंद्र और अहिल्या को श्राप