Get it on Google Play
Download on the App Store

बच्चों को गर्दन तक ज़मीन में गाड़ना

उत्तर कर्णाटक की इस प्रथा में बच्चों को गर्दन तक धरती में गाड़ दिया जाता है ताकि उनकी शारीरिक विकलांगता ठीक हो सके | इस प्रथा को सूर्य ग्रहण के दौरान अंजाम दिया जाता है |सूर्योदय से पहले इतने गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं की सिर्फ बच्चे की गर्दन बाहर रह सके | बच्चों को एक से लेकर छह  घंटो के लिए इन गड्ढों में रखा जाता है | कई माँ बाप का मानना है की बच्चों में विकलांगता सूर्य ग्रहण के नकरात्मक प्रभाव की वजह से होती है | 

इसलिए उनको ठीक करने के लिए ये ज़रूरी है की सूर्य ग्रहण के दौरान उन पर सूर्य की किरणें पड़ें | उन्हे धरती में इसलिए डाला जाता है क्यूंकि मिटटी को पावन मानते हैं | कई माँ बाप का दावा है की ऐसा करने के बाद उनका बच्चा ठीक हो गया है |