3. तेरे बिना...
<p dir="ltr">तेरे बिना मन, कहाँ  लगता मेरा,<br>
बस जी बहला रहा हूँ<br>
तेरे साथ बताये उन पलों को याद करके। <br>
खोया रहता हूँ तेरी यादों में अक्सर, <br>
होश तो आता है तेरी गर्म सांसो को याद करके। <br>
तेरा ही नाम रहता है जुबां पे अब भी,<br>
पर मौन हूँ तेरी ज्जबातों को याद करके। <br>
अब तो कहकहे लगाना भी छोड़ दिया मैनें,<br>
कभी हसं लेता हूँ तेरी बातों को याद करके। <br>
एक तूफान सा उठता है अब भी मेरे दिल में,<br>
पर खामोश हूँ,<br>
तेरे जीवन के उन जलजले को याद करके। <br>
एक ही शब्द गूँजता है मेरे कानों में अब तक, <br>
पर निःशब्द हो जाता हूँ <br>
तेरे नामों को याद करके। <br>
पीने का कहाँ शौक था मुझको, <br>
बस पीये जा रहा हूँ <br>
अपनो के दिए कुछ गमों को याद करके।<br>
बताने को जी तो नहीं करता कुछ भी, <br>
पर बोल लेता हूँ,<br>
तेरी थरथराते होंठों को याद करके। <br>
कहने को बहुत कुछ है,तुझसे अभी बाँकी,<br>
पर चुप हो जाता हूँ<br>
तेरे आँखों से गिरते आँसू के धारों को याद करके। <br>
जीवन में मेरे अन्धेरे ही अन्धेरे है, <br>
पर तू देख मैं जी रहा हूँ <br>
तुझसे किये उन वादों को याद करके। <br>
दिल में एक टीस उठती है और आँखें भर आती है,<br>
क्या बताये तुमको,तेरे ज्जबातों को याद करके।<br>
जी तो चाहता है कि बाहों में भरलुं तुझे, <br>
पर डर जाता हूँ मैं <br>
जमाने के लगे इल्जामों को याद करके।<br>
मत होना कभी ज़िन्दगी में उदास तुम, <br>
खुश रहना मेरे कहे चन्द शेरों को याद करके।<br>
ना करना कभी फिकर मेरा,बस याद कर लेना,<br>
कट ही जाएगा ये सफर एक दूसरे को याद करके।<br>
                                  - गौतम गोविन्द<br>
                                      <a href="tel:9911040940">9911040940</a></p>
बस जी बहला रहा हूँ<br>
तेरे साथ बताये उन पलों को याद करके। <br>
खोया रहता हूँ तेरी यादों में अक्सर, <br>
होश तो आता है तेरी गर्म सांसो को याद करके। <br>
तेरा ही नाम रहता है जुबां पे अब भी,<br>
पर मौन हूँ तेरी ज्जबातों को याद करके। <br>
अब तो कहकहे लगाना भी छोड़ दिया मैनें,<br>
कभी हसं लेता हूँ तेरी बातों को याद करके। <br>
एक तूफान सा उठता है अब भी मेरे दिल में,<br>
पर खामोश हूँ,<br>
तेरे जीवन के उन जलजले को याद करके। <br>
एक ही शब्द गूँजता है मेरे कानों में अब तक, <br>
पर निःशब्द हो जाता हूँ <br>
तेरे नामों को याद करके। <br>
पीने का कहाँ शौक था मुझको, <br>
बस पीये जा रहा हूँ <br>
अपनो के दिए कुछ गमों को याद करके।<br>
बताने को जी तो नहीं करता कुछ भी, <br>
पर बोल लेता हूँ,<br>
तेरी थरथराते होंठों को याद करके। <br>
कहने को बहुत कुछ है,तुझसे अभी बाँकी,<br>
पर चुप हो जाता हूँ<br>
तेरे आँखों से गिरते आँसू के धारों को याद करके। <br>
जीवन में मेरे अन्धेरे ही अन्धेरे है, <br>
पर तू देख मैं जी रहा हूँ <br>
तुझसे किये उन वादों को याद करके। <br>
दिल में एक टीस उठती है और आँखें भर आती है,<br>
क्या बताये तुमको,तेरे ज्जबातों को याद करके।<br>
जी तो चाहता है कि बाहों में भरलुं तुझे, <br>
पर डर जाता हूँ मैं <br>
जमाने के लगे इल्जामों को याद करके।<br>
मत होना कभी ज़िन्दगी में उदास तुम, <br>
खुश रहना मेरे कहे चन्द शेरों को याद करके।<br>
ना करना कभी फिकर मेरा,बस याद कर लेना,<br>
कट ही जाएगा ये सफर एक दूसरे को याद करके।<br>
                                  - गौतम गोविन्द<br>
                                      <a href="tel:9911040940">9911040940</a></p>