अकबर की दास्तान
नासिर खान की मौत के बाद किले पर बहादुरशाह रहने आया | उसे ये पता चला की अकबर की इस किले में रूचि है तो उसने सब तरफ से किले को और मज़बूत बना दिया |
अकबर ने किले पर हम्ला किया लेकिन इतनी सुरक्षा थी की उसके सभी दांव पेच विफल हो गए | उसने अंत में बातचीत से मसले को सुलझाने की बात की | बहादुरशाह इसके लिए तैयार हो गया लेकिन उसने कहा की किले के बाहर मुलाकात होगी |जब बहादुर शाह वहां पहुंचा तो अकबर की चाल से वह अनजान था | बातचीत चल रही थी की तभी एक सैनिक ने पीछे से आकर बहादुर शाह को घायल कर दिया | अकबर ने किले पर कब्ज़ा कर वहां की सारी दौलत हथिया ली |सन 1760 से 1819 तक ये किला मराठों के कब्ज़े में था |इसके पश्चात् अंग्रेजों ने किले को हासिल कर लिया | असीरगढ़ किले के तीन भाग हैं ऊपर असीरगढ़, मध्य कमर्गढ़ और निचला मलयगढ़ |