खजाने की खोज
28 जुलाई 1948
में बालाबख्श की 92
वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई, बीजक और दस्तावेज उनके पुत्रों लेखराज और गेगराज के पास रह गए थे । इसके बाद गेगराज जो परिवार में ही एक गौरीशंकर के घर गोद चले गए थे के पुत्र महेश कुमार, जयसिंह, गिर्राज, श्याम सुन्दर और सुदर्शन ने दस्तावेज़ संभाले |सुदर्शन के मुताबिक उनके बड़े भाई जयसिंह ने ऐसे किसी दस्तवेज़ के होने की बात किसी वकील से की होगी | ऐसे में गुप्त एजेंसी उनके पीछे पड़ गयी |जयसिंह को तहकीकात के लिए दिल्ली ले जाया गया जहाँ उन्होंने बीजक और दस्तावेज़ दोनों को एजेंसी को सौंपने का निश्चय किया |