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यादवों की मौत

महाभारत के युद्ध के बाद यादव बहुत बदमाश हो गए थे  | वह शराब पीते थे , जुआ खेलते थे और कई गैर कानूनी काम करते थे | एक दिन उन्होनें एक ऋषि के साथ मजाक करने की सोची | उन्होनें एक लड़के को औरत की तरह तैयार किया और उसके पेट पर एक लोहे की कढ़ाई रख उसे साड़ी पहना दी | बाद में उसे कृषि के सामने ले जा कर उनसे पुछा  की इस औरत के पेट में जो बच्चा है वह लड़का है की लड़की | वह महान कृषि अपना विवेक न खोते हुए बोले की “ ये जो भी है तुम्हारे कुल के विनाश का कारण बनेगा” | जैसे ही उन्होनें ये सुना वह घबरा गए और कढ़ाई के कई टुकड़े कर दिए | उन टुकड़ों को उन्होंने पास की नदी में फ़ेंक दिया | 

ये छोटे टुकड़े बाद में किनारे पर पहुँच झाड़ियों में फंस गए | एक दिन शराब के नशे में यादवों ने आपस में लड़ाई की और इन्ही लोहे के टुकड़ों से एक दुसरे का क़त्ल कर दिया |

लेकिन कढ़ाई का सबसे बड़ा टुकड़ा एक मछली ने खा लिया | एक मछुआरे ने उस टुकड़े को एक शिकारी को बेच दिया जिससे उसने एक तीर बनाया | वह शिकारी फिर जंगल में शिकार करने पहुंचा | झाड़ियों में हलचल देख उसने वह तीर उस दिशा में छोड़ दिया | इस पर उसे किसी के कराहने की आवाज़ सुनायी , जिसको उसने जानवर समझा था वह अक्सर श्री कृष्ण थे जो झाड़ियों के पीछे छुपे थे | वह तीर उनके पैर में लगा था और उससे उनकी मौत हो गयी | इस तरह आख़री यदुवंशी भी ख़तम हो गया |