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यह हुजूर का दिया है

सर्दियाँ ख़त्म हो रही थी और सूर्य की किरणों की गरमी बढ़ने लगी थी। माहौल बड़ा सुखद प्रतीत हो रहा था। ऐसे में बीरबल और अकबर अपने अपने घोडो पर सवार होकर कुदरत के नज़ारे देखने को निकल पड़े।

चारो और की सुन्दरता को देखकर बादशाह के मुंह से यह निकल पड़ा - "भाई अस्क पेदार शूमस्त (शूमा हस्त)"

इन शब्दों के दो अर्थ थे; पहला अर्थ फारसी में था की "यह घोड़ा तुम्हारे बाप का है" और दूसरा अर्थ था "यह घोड़ा तुम्हारा बाप है"

बीरबल तुंरत समझ गए कि बादशाह क्या कहना चाहते है। वह बोले, "दाद-ए-हुजूरस्त"

इसका अर्थ था कि "यह हुजूर का दिया है"

बीरबल का जबाब सुनकर बादशाह के पास कहने को कुछ भी नही बचा था। जैसे को तैसा जवाब बीरबल ने दिया।

अकबर बीरबल

संकलित
Chapters
किसका पानी अच्छा यह हुजूर का दिया है तीन-तीन गधों का बोझ बीरबल की खिचड़ी मासूम सज़ा सारा जग बेईमान चोर की दाढ़ी में तिनका आदमी एक रूप तीन लहरें गिनना किसका नौकर कौन किसकी नेमत कौन गधा तम्बाकू खाता है किसका अफसर किसकी दाढ़ी की आग मोती बोने की कला पैर और चप्पल पहली मुलाकात ईश्वर अच्छा ही करता है कल, आज और कल कवि और धनवान आदमी खाने के बाद लेटना छोटा बांस, बड़ा बांस जब बीरबल बच्चा बना जल्दी बुलाकर लाओ जितनी लम्बी चादर उतने पैर पसारो जीत किसकी पान वाले को चूना ऊँट की गर्दन अब तो आन पड़ी है जोरू का गुलाम टेढा सवाल तीन सवाल तोता ना खाता है ना पीता है पंडित जी बादशाह का गुस्सा बादशाह का सपना बादशाह की पहेलियाँ बीरबल और तानसेन का विवाद बीरबल कहाँ मिलेगा भाई जैसा मूर्खों की फेहरिस्त राखपत और रखापत राज्य में कौए कितने हैं रेत और चीनी सब बह जाएंगे सब लोग एक जैसा सोचते हैं सबसे बड़ा हथियार सबसे बड़ी चीज हरा घोड़ा मोम का शेर एक पेड़ दो मालिक कुंवे का किराया दुष्ट हज्जाम की दुर्दशा आधा इनाम