बारिश (आँसुओ की )
मौसम तो बारिशों का चल रहा है,
पर मेरे आसमान में बादल नही जम रहे है ।
वो तो चाहते थे बारिश में पूरा शहर भीग जाये,
बह जाये सब कुछ यादों को भी लेकर
पर उनका अपना ख़ुद का घर बच जाये ।
वो रास्ते भी बदलने लगे है,जिन रास्तों पे हो मेरे कदम,
ख़ुद सुरमे की आड़ में छुपा रहे है अपनी आँखों की नम ।
वो छाता लेकर घूम रहे थे बुँदे छलकने के इंतजार में
बहने ना दिया मेरे आँखों से आँसुओ को पलकों के प्यार ने ।
आज मौसम अचनाकसे बदल गया,
बादल जम गए काले सुरमे के साथ ।
डूब गया सारा शहर पानी में
बह गया सब कुछ बस रह गई यादों की बात ।
मेरी आँखों से बारिश देखने के लिए
दिल उनका कितना तरसा था,
बाजी पलट गई एक पल में आज
ये कहर उन्हीं के आँखों से बरसा था ।
वो ना कामयाब रह गए उनके इदारों में
हम भी अड़े रह गए थे अपने वादों में ।
हम जानते है हमारी मुस्कुराहट से भी
कितनों का दिल जल रहा है ।
ठहरता नहीं है कोई पल यहाँ
ना कभी आज का मौसम कल रहा है ।
तुम भी जरा संभालके निकाला करो घर से बाहर
क्योंकि मौसम तो बारिशों का चल रहा है ।