तनका नहीं भरोंसा
तनका नहीं भरोंसा वे देखा काल तमासा बे ॥ध्रु०॥
बडे राजमों राज बिराजे मत जानो सुख भेला ।
कौन किसोका नहीं रे यारो आखर जात अकेला ॥ तनका०॥१॥
चोप चापके पगरी बांधी बालम पैच सबाई ।
मुच्छा मुरोडकर दरपन देखे ढाल फिरंग करमाही ॥२॥
शाल दुशाला पटु ओढे खाबे गरम मसाला ।
जब आवेगा जमका फांसा होवे गरदी हल्ला ॥३॥
कहत कबीरा सुन भाई साधु मारग सीधा सवारा ।
नजर खोलकर देखो यारो ये सब झूट पसारा ॥४॥