वैशाली के लिच्छवि
बिहार में स्थित प्राचीन गणराज्यों में बुद्धकालीन समय में सबसे बड़ा तथा शक्तिशाली राज्य था। इस गणराज्य की स्थापना सूर्यवंशीय राजा इश्वाकु के पुत्र विशाल ने की थी, जो कालान्तर में 'वैशाली' के नाम से विख्यात हुई। महावग्ग जातक के अनुसार लिच्छवि वज्जिसंघ का एक धनी समृद्धशाली नगर था। यहाँ अनेक सुन्दर भवन, चैत्य तथा विहार थे। लिच्छवियों ने महात्मा बुद्ध के निवारण हेतु महावन में प्रसिद्ध कतागारशाला का निर्माण करवाया था। राजा चेतक की पुत्री चेलना का विवाह मगध नरेश बिम्बिसार से हुआ था। ईसा पूर्व ७वीं शती में वैशाली के लिच्छवि राजतन्त्र से गणतन्त्र में परिवर्तित हो गया। विशाल ने वैशाली शहर की स्थापना की। वैशालिका राजवंश का प्रथम शासक नमनेदिष्ट था, जबकि अन्तिम राजा सुति या प्रमाति था। इस राजवंश में २४ राजा हुए हैं।