हमसफ़र
तू खुश रहे
कोई दुआ सा
बस साथ तेरे
युहिं चलता रहे..
तू उदास हो
कोई मुस्कान सा
बस साथ तेरे
युहिं चलता रहे..
तू गुमराह हो
कोई थामे हाथ
बस साथ तेरे
युहिं चलता रहे..
तू खामोश हो
ना ऐसा ना हो
जो वक़्त लाये ऐसी बंदिश
कोई आवाज सा
बस साथ तेरे
युहिं चलता रहे..
तू खोये जिस शाम
तलाशे तुझे कोई याद
हर याद इक ख्वाब सा
बस साथ तेरे
युहिं चलता रहे..
जो बोझिल हों पलकें तेरी
ख्वाहिश हो तारों सा
हर ख्वाहिश इक सुबह सा
तेरी खुलती पलकों से
आँगन तेरे
युहीं उतरता रहे..
तू तन्हा हो
कोई सांस सा
हर सांस तेरे
युहिं उतरता रहे..
तू खाली आसमाँ
कोई हर मौसम सा
बस साथ तेरे
युहिं चलता रहे..
हाँ तेरे साथ तेरा साथ
बस युहिं चलता रहे... .
ISOB AMIT SHEKHER