सुरेश्वर
व्याघ्रपाद का पुत्र उपमन्यु आपने मामा के घर पल रहा था | वह हमेशा दूध मांगता रहता पर उसकी माँ के पास उसे पिलाने के लिए दूध नहीं होता | एक दिन ज्यादा जिद करने पर उसकी माँ ने उसे नकली दूध बना कर पीने के लिए दिया | इस पर वह बहुत नाराज़ हो गया और माँ के कहने पर शिव भक्ति करने निकाल पड़ा | शिव ने सुरेश्वर यानि इंद्र का रूप धारण किया और बालक से कहा की शिव भक्ति छोड़ मेरी भक्ति कर लो | इस पर उपमन्यु उन्हें मारने को दोडा तो शिव आपने असली रूप में प्रकट हो गए | उन्होनें उप्मनुय को अपने भक्तों में परम पद और साथ में दूध का क्षीरसागर भेंट किया |