काल भैरव
एक बार विष्णु और ब्रह्मा में श्रेष्ठता के पीछे युद्ध होने लगा |तभी अचानक वहां एक तेज पुंज समान पुरुष उत्पन्न हुआ | उसे देख ब्रह्मा घमंड में बोले की तुम मेरे पुत्र हो इसलिए मेरी शरण में आओ | ये सुन शिव को बहुत गुस्सा आया और उन्होनें इस पुरुष को काल के समान घोषित किया |क्यूंकि वह बहुत भीषण था इसलिए उसे भैरव की उपाधि प्राप्त हुई | इसके बाद काल भैरव ने ब्रह्मा का एक सर आपने नाखून से काट कर फैंक दिया | क्यूंकि ऐसा करने से उसको ब्रह्म हत्या लग गयी थी तो उसने काशी जा कर आपने पापों का प्रायश्चित किया |