छठा सुराग
इस बीच औरत का पोस्ट मोर्तेम हो जाता है | गर्दन के सीधे तरफ के चोट का निशान है जो शायद गिरने से लगा है | इसके इलावा ये भी पता चलता है की इस औरत को कभी बच्चा नहीं हुआ है |उसके फेफड़ों में धुंए के अंश थे जो साबित करता है की जलते समय वह औरत जिंदा थी | औरत के शव के नीचे पेट्रोल पड़ा था जो साबित करता है की उसे जलाने में पेट्रोल का इस्तेमाल हुआ है |जान्च्कारों ने ये भी बताया की महिला के शरीर में 50-70 सोने की गोलियां थी जी पूर्ण रूप से उसके शरीर में समां चुकी थी | मौत की वजह कार्बन मोनोऑक्साइड की पोइसोनिंग और स्लीपिंग पिल्स को माना गया |
पुलिस मौत को ख़ुदकुशी घोषित कर देती है | लेकिन जनता को इस बात को मानने में तकलीफ होती है |फेब्रुअरी 1971 में केस को बंद कर औरत को दफना दिया जाता है |पुलिस को आज भी उम्मीद है की उस औरत के परिवार उसे लेने ज़रूर आयेंगे |इसलिए उसको जिंक के कॉफिन में दफना गया है |सालों में इस केस को कई किताबों इत्यादि में शामिल किया गया लेकिन हल कुछ नहीं निकला |