फिल्म के पक्ष में
इन लोगों का मानना है की रानी पद्मावती सिर्फ एक काल्पनिक किरदार है और हकीकत में ऐसी कोई भी औरत कभी थी ही नहीं |क्यूंकि वो काल्पनिक किरदार है तो इसलिए सच्चाई बदले जाने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता |इसके इलावा ये लोग ये भी मानते हैं की सिनेमा तो कला अभिव्यक्ति का जरिया है और अगर अपनी बात दुनिया के सामने पेश करने के लिए थोड़े बहुत कहानी में बदलाव लाने पड़े तो इसमें कोई गलत बात नहीं है |वह लोग ये भी कहते हैं की इस दुनिया में सब को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है | अगर आपको उनके विचार नहीं पसंद तो आप फिल्म को जाकर न देखें |