Get it on Google Play
Download on the App Store

शनि के द्वितीय चरण का प्रभाव

इस चरण में शनि सप्तम भाव को सप्तम दृष्टि से देखता है जिस  के कारण गृहस्थी में और दशम भाव को दशम दृष्टि से देखने की वजह से व्यावसायिक क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना होता है। ऐसी अवस्था में आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य में गिरावट, परिवार में विभाजन, दोस्तों से अनबन, अनावश्यक खर्च में वृद्धि, मानहानि, आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की कमी होती है। लेकिन यह सब स्थितियां तभी आती है जब शनि जन्म कुण्डली में पूरी तरह अशुभ हो नहीं तो इस चरण में व्यक्ति को मिला जुला फल प्राप्त होता है।