शनि के द्वितीय चरण का प्रभाव
इस चरण में शनि सप्तम भाव को सप्तम दृष्टि से देखता है जिस के कारण गृहस्थी में और दशम भाव को दशम दृष्टि से देखने की वजह से व्यावसायिक क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना होता है। ऐसी अवस्था में आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य में गिरावट, परिवार में विभाजन, दोस्तों से अनबन, अनावश्यक खर्च में वृद्धि, मानहानि, आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की कमी होती है। लेकिन यह सब स्थितियां तभी आती है जब शनि जन्म कुण्डली में पूरी तरह अशुभ हो नहीं तो इस चरण में व्यक्ति को मिला जुला फल प्राप्त होता है।