अश्वतथामा
वह एक गुरु के पुत्र थे लेकिन क्षत्रिय का जीवन जीते थे | उन्हें कृष्ण ने श्राप दिया था क्यूंकि उन्होनें पांडवों के वंश को सोते में ख़तम कर दिया था और उत्तरा के पुत्र को भी गर्भ में ख़तम करने की कोशिश की थी | उन्हें जब तक दुनिया रहेगी एक दर्द और पीड़ा भरी ज़िन्दगी जीने का श्राप मिला है |
ऐसा कहा जाता है की उन्हें गुजरात में कई स्थानों पर देखा गया है और उनके सर पर ऐसे घाव है जिसमें से खून रिसता रहता है |