Get it on Google Play
Download on the App Store

जरासंध

ब्रिह्दारिथ मगध के राजा थे पर निस्संतान थे | उन्हें चंद्कौशिका नाम के एक संत की सेवा की जिन्होनें उन्हें पुत्र प्राप्ति के लिए एक फल दिया | ब्रिह्दारिथ ने उसके दो टुकड़े कर अपनी दो पत्नियों को दे दिया | बदकिस्मती से दो अलग टुकड़ों ने जन्म लिया |राजा ने डर कर दोनों टुकड़ों को जंगल में फेंक दिया | जरा नाम की एक राक्षसी ने दोनों टुकडो को हाथ में लिया तो वह एक जीवित नवजात बन गया |राक्षसी ने बच्चे को राजा को सौंप दिया |

उसका नाम जरासंध रखा गया और वह मगध का एक शक्तिशाली राजा बन गया | उसने अपनी दोनों पुत्रियों का विवाह राजा कंस से किया लेकिन कृष्ण ने उनकी हत्या कर दी | अपनी बेटियों का दुःख देख जरासंध ने 17 बार मथुरा पर हमला किया जिस वजह से कृष्ण को अपनी राजधानी द्वारका में बदलनी पड़ी | उनकी मृत्यु भीम के हाथों हुई जब कृष्ण ने उन्हें युक्ति सुझाई की वह उसके शरीर के दो टुकड़े कर अलग अलग दिशा में फेंक दें |