टीपू सुल्तान उपनाम मैसोर का टाइगर
१७६६ में जब टीपू सुल्तान 15 साल के थे तब उन्हें पहली बार सैन्य परिक्षण में भाग लेने का मौका मिला जब वह अपने पिता के साथ मालाबार के कब्ज़े पर साथ गए | इस नन्हे बच्चे ने 2000 सैनिकों के दल का नेतृत्व किया और मालाबार के राजा का परिवार जो किले में छिपी हुई थी उसे अपने कब्ज़े में ले लिया | अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए राजा ने आत्मसमर्पण कर दिया और उनकी देखा देखी अन्य स्थानीय सरदारों ने भी आत्मसमर्पण कर दिया |
ह्य्दर अली को अपने बेटे पर इतना गर्व महसूस हुआ की उन्होनें उसे ५०० सैनिक की एक टुकड़ी और मैसोर की पांच छावनियां दे दी | यहाँ से शुरुआत हुई उस युवक के एक बेहतरीन सैन्य जीवन की |