पृथ्वीराज चौहान
१३ साल की उम्र में ११७९ में पृथ्वीराज ने अपने पिता की मौत के बाद अजमेर का राज्य संभाला | ११९१ में उन्होनें तर्रैन के पहले युद्ध में शहाबुद्दीन मुहम्मद घोरी को शिकस्त दी | उन्होनें मोहम्मद घोरी को माफ़ कर जाने दिया | ११९२ में घोरी ने फिर पृथ्वीराज पर हमला किया और तर्रैन के दुसरे युद्ध में जीत हासिल की |
घोरी ने न सिर्फ पृथ्वीराज को अपने कब्ज़ा में लिया उनको सब तरीकों से प्रताड़ित भी किया |अंत में घोरी ने पृथ्वीराज को मौत के घाट उतार दिया |