कप्तान लक्ष्मी सहगल
१९३० में मद्रास मेडिकल कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होनें सामाजिक कार्य करना शुरू किया | १९४० के दशक में उन्होनें रानी झाँसी पलटन का नेतृत्व किया | १९५० से २००० तक वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया की सक्रीय नेता रहीं | १९८० के दशक में उन्होनें भोपाल गैस त्रासदी और सिख दंगों में डॉक्टर की भूमिका निभायी | ९२ साल की उम्र तक वह मुफ्त में लोगों का इलाज करती रहीं | २०१२ में ९७ साल की उम्र में उनका निधन हो गया और जाते जाते भी वह अपना शरीर चिकित्सा की जांच के लिए छोड़ गयीं |