डेट की रात रेस्टोरेंट पर मिलें
या बार या मूवी थिएटर पर | जगह महत्वपूर्ण नहीं है क्यूंकि ये भावना – उस समय की जब आप दोनों एक दुसरे को जानने की कोशिश कर रहे थे –मान्यता रखती है | कप ऑफ़ जो की रचैयता जोअन्ना गोद्दर्द कहती है “बाहर मिलना ज्यादा रोमानी लगता है”| “घर पर मिलने का मतलब है पहले बच्चों को समझाओ और उसके बाद बेबी सिटर को आदेश दो| इसमें मज़ा नहीं आता |” इसके बजाय जब आप मिले तो मन में कुछ उम्मीदें हो और थोडा डर भी लग रहा हो तो कैसा रहे |