१९३२ :शुरुआती गुनाह ,शुरूआती क़त्ल
जब बैरो फेब्रुअरी १९३२ में जेल से
बाहर आया तो उसने और राल्फ फुल्ट्स ने मिल
कर एक गिरोह बनाया | उन्होनें छोटी चोरियां शुरू की ख़ास तौर पर किराने की दुकानों
और गैस स्टेशन की ; उनका मकसद था इतना पैसा और बारूद इकठ्ठा करना की ईस्टहैम जेल
पर हमला बोला जा सके | १९ अप्रैल को एक विफल रही चोरी में बोनी पार्कर और फुल्ट्स
को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया | हांलाकि पार्कर कुछ महीनों में बाहर आ गई
क्यूंकि उसका गुनाह साबित न हो सका ,फुल्ट्स को सजा हो गयी जो उसने पूरी की और
दुबारा फिर वह गिरोह का हिस्सा नहीं बना |
३० अप्रैल को हिल्ल्स्बोरो टेक्सस में
एक चोरी में बैरो ने गाड़ी चालक की भूमिका निभायी | इस चोरी में दुकान के मालिक जे
एन बुचेर को गोली मार उसकी हत्या कर दी गयी थी | तस्वीर दिखाने पर मालिक की पत्नी ने बैरो को कातिल की तरह
पहचाना , हांलाकि वह उस समय बाहर गाडी में था | ये पहली बार था जब बैरो पर क़त्ल का
इलज़ाम लगा था | पार्कर को 17 जून तक जेल में रखा गया जहाँ वो वक़्त बिताने के लिए कवितायेँ लिखा करती थी | जब कॉफमन
कांउटी की जूरी उस पर जुर्म साबित नहीं कर पायी तो उसको छोड़ दिया गया | कुछ ही
हफ़्तों में वह बैरो से फिर मिल गयी |
5 अगस्त को जब पार्कर अपनी माँ से डलास
में मिलने गयी थी तब बैरो , रेमंड हैमिलटन और रोस डायर स्ट्रिंगटाउन ओक्लाहोमा के
एक ग्राम्य नृत्य में शराब पी रहे थे | ऐसे में शेरिफ सी जी मैक्सवेल और उनके साथी
यूजीन सी मूर ने पार्किंग में उनसे मुलाकात करनी चाही | बैरो और हैमिलटन ने गोली
चला दी जिससे शेर्रिफ गंभीर रूप से ज़ख़्मी हो गए और साथी की मौत हो गयी | ये पहली
बार था जब बैरो और उसके गिरोह ने किसी पुलिस अफसर का क़त्ल किया था ; अंत तक उन्होनें ९ पुलिस अफसरों को मार दिया था |
२२ मार्च १९३३ को बुक्क बैरो को जेल से
रिहा कर दिया गया | कुछ ही दिनों बाद वह और उनकी पत्नी ब्लांशे मिसौरी में एक छोटे
से घर में क्लाइड, पार्कर और जोंस के साथ रहने लगे थे | परिवार के सूत्रों के
मुताबिक बुक्क और ब्लांशे सिर्फ मिलने गए थे ; वह क्लाइड को आत्मसमर्पण करने के लिए
मना रहे थे |
बोनी और क्लाइड की पुलिस से अगली
मुलाक़ात हुई १३ अप्रैल को जब अपनी संदिग्ध गतिविधियों के चलते उन्होनें आस पास के
लोगों का ध्यान अपने ऊपर आकर्षित कर लिया |इस शक में की घर में चोर छुपे हैं उनका सामना करने के लिए पुलिस ने २
गाड़ियों में 5 अफसरों को इक्कट्ठा किया | हांलाकि हमला अचानक हुआ था फिर भी क्लाइड
शांत रहा और उसने जोंस और बुक्क ने डिटेक्टिव मक गिन्निस की गोली मार हत्या कर दी
और हवलदार हैरीमन को गंभीर रूप से घायल कर दिया | इस मुठभेड़ में पार्कर ने पुलिस
अफसरों पर गोली चलायी और जोंस , क्लाइड और बुक्क को भी गोली लगी |
गिरोह पुलिस से तो बच गया लेकिन उनका सारा सामान वहीँ छूट गया | इसमें शामिल था बुक्क और ब्लांशे का शादी
का दस्तावेज़ , बुक्क के पैरोल के कागज़ , काफी सारे हथियार , बोनी द्वारा लिखित एक
कविता ,और एक कैमरा जिसमें कई अविकसित रोल थे | रोल को विकसित करने पर पार्कर
,बैरो और जोंस की कई ऐसी तसवीरें सामने आयीं जिनमें वह एक दुसरे पर बन्दूक तान रहे
थे |जैसे ही ये तसवीरें अख़बारों में छपी ये डलास के पांच अज्ञात चोर अचानक से बैरो
गिरोह के नाम से प्रसिद्द हो गए | अगले तीन महीनों तक ये गिरोह टेक्सस से लेकर
मिनेसोटा तक अपने गुनाहों को अंजाम देता रहा | मई में उन्होनें लुसरने इंडिआना और
ओकबेना मिनेसोटा की एक बैंक को लूटा | वह
अपने बंधकों को अक्सर उनके घर से दूर छोड़ते थे लेकिन घर पहुँचने के लिए पैसे दे
देते थे | बैरो गिरोह अपने रास्ते में आने वाले किसी को भी गोली मारने से पहले
सोचता नहीं था फिर चाहे वो नागरिक हो या पुलिस अफसर | अंत में उनके कत्लों के
वहशीपन ने जनता की नज़रों में उनको गिरा दिया और यही उनकी बर्बादी का कारण बना |
इन तस्वीरों ने जनता का खूब मनोरंजन
किया लेकिन ये गिरोह हताश और असंतुष्ट किस्म का
था | उनके बढ़ते गुनाहों के साथ उनका पुलिस की नज़र से बचना और मुश्किल होता गया | रेस्टोरेंट
और मोटेल जैसी सार्वजानिक जगहों पर पकडे जाने का खतरा था ; इसलिए वह खुले में खाना
बनाते और झरनों पर नहाते थे | जून १० को जोंस और पार्कर के साथ गाडी में चलते वक़्त
वेल्लिंगटन के नज़दीक बैरो ने पुल पर लिखे खतरे के निर्देश नहीं पड़े और गाड़ी को खाई
में गिरा दिया | सूत्रों में विवादित है की आग पेट्रोल की वजह से लगी था या पारकर
पर कार की बैटरी से एसिड गिरा था | जो भी हो पार्कर के सीधे पैर में तीसरी डिग्री
के जलने के घाव हो गए जिससे उसके पैर की मांसपेशियां सिकुड़ गयीं और उसका पैर छोटा
हो गया | अपनी ज़िंदगी के अंत तक पार्कर सही से चल नहीं पाती थी ; वह या तो अपने
दांये पैर पर लंगड़ा के चलती थी या क्लाइड उसको गोद में लेकर चलता था |