Get it on Google Play
Download on the App Store

चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 4

भूतनाथ और असली बलभद्रसिंह तिलिस्मी खंडहर की असली इमारत वाले नम्बर दो के कमरे में उतारे गये। जीतसिंह की आज्ञानुसार पन्नालाल ने उनकी बड़ी खातिर की और सब तरह के आराम का बन्दोबस्त उनकी इच्छानुसार कर दिया। पहर रात बीतने पर जब वे लोग हर तरह से निश्चिन्त हो गए तो जीतसिंह को छोड़कर बाकी सब ऐयार जो उस खंडहर में मौजूद थे भूतनाथ से गपशप करने के लिए उसके पास आ बैठे और इधर-उधर की बातें होने लगीं। पन्नालाल ने किशोरी, कामिनी और कमला की मौत का हाल भूतनाथ से बयान किया जिसे सुनकर बलभद्रसिंह ने हद से ज्यादे अफसोस किया और भूतनाथ भी उदासी के साथ बड़ी देर तक सोच-सागर में गोते खाता रहा। जब लगभग आधी रात के जा चुकी तो सब ऐयार बिदा होकर अपने-अपने ठिकाने चले गये और भूतनाथ तथा बलभद्रसिंह भी अपनी-अपनी चारपाई पर जा बैठे। बलभद्रसिंह तो बहुत जल्द निद्रादेवी के अधीन हो गया मगर भूतनाथ की आंखों में नींद का नामनिशान न था। कमरे में एक शमादान जल रहा था और भूतनाथ अन्दर वाले कमरे की ओर निगाह किये हुए बैठा कुछ सोच रहा था।

जिस कमरे में ये दोनों आराम कर रहे थे, उसमें भीतर सहन की तरफ तीन खिड़कियां थीं। उन्हीं में से एक खिड़की की तरफ मुंह किये हुए भूतनाथ बैठा हुआ था। उसकी निगाह रमने में से होती हुई ठीक उस दालान में पहुंच रही थी जिसमें वह तिलिस्मी चबूतरा था जिस पर पत्थर का आदमी सोया हुआ था। उस दालान में एक कन्दील जल रही थी जिसकी रोशनी में वह चबूतरा तथा पत्थर वाला आदमी साफ दिखाई दे रहा था।

भूतनाथ को उस दालान और चबूतरे की तरफ देखते हुए घण्टे भर से ज्यादा बीत गया। यकायक उसने देखा कि उस चबूतरे का बगल वाला पत्थर जो भूतनाथ की तरफ पड़ता था पूरा-का-पूरा किवाड़ के पल्ले की तरह खुलकर जमीन के साथ लग गया और उसके अन्दर किसी तरह की रोशनी मालूम पड़ने लगी जो धीरे-धीरे तेज होती जाती थी।

भूतनाथ को यह मालूम था कि वह चबूतरा किसी तिलिस्म से सम्बन्ध रखता है और उस तिलिस्म को राजा वीरेन्द्रसिंह के दोनों लड़के तोड़ेंगे, अस्तु उस समय उस चबूतरे की ऐसी अवस्था देख उसको बड़ा ही ताज्जुब हुआ और वह आंखें मल-मलकर उस तरफ देखने लगा। थोड़ी देर बाद चबूतरे के अन्दर से एक आदमी निकलता हुआ दिखाई पड़ा मगर यह निश्चय नहीं हो सका कि वह मर्द है या औरत क्योंकि वह एक स्याह लबादा सिर से पैर तक ओढ़े हुए था और उसके बदन का कोई भी हिस्सा दिखाई नहीं देता था। उसके बाहर निकलने के साथ ही चबूतरे के अन्दर वाली रोशनी बन्द हो गई मगर वह पत्थर जो हटकर जमीन के साथ लग गया था ज्यों-का-त्यों खुला ही रहा। वह आदमी बाहर निकलकर इधर-उधर देखने लगा और थोड़ी देर तक कुछ सोचने के बाद बाहर रमने में आ गया। धीरे-धीरे चलकर उसने एक दफे चारों तरफ का चक्कर लगाया। चक्कर लगाते समय वह कई दफे भूतनाथ की निगाह की ओट हुआ, मगर भूतनाथ ने उठकर उसे देखने का उद्योग इसलिए नहीं किया कि कहीं उसकी निगाह मुझ पर न पड़ जाय। जिस कमरे में भूतनाथ सोया था वह एक मंजिल ऊपर था और वहां से रमना तथा दालान साफ-साफ दिखाई दे रहा था।

वह आदमी घूम-फिरकर पुनः उसी तिलिस्मी चबूतरे के पास जा खड़ा हुआ और कुछ दम लेकर चबूतरे के अन्दर घुस गया, मगर थोड़ी देर बाद पुनः वह चबूतरे के बाहर निकला। अबकी दफे वह अकेला न था बल्कि उसी ढंग का लबादा ओढ़े चार आदमी और भी उसके साथ थे अर्थात् पांच आदमी चबूतरे के बाहर निकले और पूरब तरफ वाले कोने में जाकर सीढ़ियों की राह ऊपर की मंजिल पर गये। ऊपर की मंजिल में चारों तरफ इमारत बनी हुई थी इसलिए भूतनाथ को यह न जान पड़ा कि वे लोग किधर गये या किस कोठरी में घुसे मगर इस बात का शक जरूर हो गया कि कहीं वे लोग कोठरी ही कोठरी में घूमते हुए हमारे कमरे में न आ जायें अस्तु उसने एक महीन चादर मुंह पर ओढ़ ली और इस ढंग से लेट गया कि दरवाजा तथा तिलिस्मी चबूतरा इन दोनों की तरफ जिधर चाहे बिना सिर हिलाये देख सके। आधे घण्टे के बाद भूतनाथ के कमरे का दरवाजा खुला और उन्हीं पांचों में से एक आदमी ने कमरे के अन्दर झांककर देखा। जब उसे मालूम हो गया कि दोनों आदमी बेखबर सो रहे हैं, तो वह धीरे से कमरे के अन्दर चला आया और उसके बाद बाकी के चारों आदमी भी कमरे में चले आये। पांचों आदमी (या जो हों) एक ही रंग-ढंग का लबादा या बुर्का ओढ़े हुए थे, केवल आंख की जगह जाली बनी हुई थी जिससे देखने में किसी तरह की अण्डस न पड़े। उन पांचों ने बड़े गौर से बलभद्रसिंह की सूरत देखी और एक ने कागज का एक लिफाफा उसके सिरहाने की तरफ रख दिया, फिर भूतनाथ के पास आया और उसके सिरहाने भी एक लिफाफा रखकर अपने साथियों के पास चला गया। कई क्षण और ठहरकर ये पांचों आदमी कमरे के बाहर निकल गये और दरवाजे को भी उसी तरह घुमा दिया जैसा पहिले था। उसी समय भूतनाथ भी उन पांचों में से किसी को पकड़ लेने की नीयत से चारपाई पर से उठ खड़ा हुआ और कमरे के बाहर निकला मगर कोई दिखाई न पड़ा। उसी जगह नीचे उतर जाने के लिए सीढ़ियां थीं, भूतनाथ ने समझा कि ये लोग इन्हीं सीढ़ियों की राह नीचे उतर गए होंगे, अस्तु वह भी शीघ्रता के साथ नीचे उतर गया और घूमता हुआ बीच वाले रमने में पहुंचा मगर उन पांचों में से कोई भी दिखाई न दिया। भूतनाथ ने सोचा कि आखिर वे लोग घूम-फिरकर उसी तिलिस्मी चबूतरे के पास पहुंचेंगे इसलिए पहिले ही वहां चलकर छिप रहना चाहिए। वह अपने को छिपाता हुआ उस तिलिस्मी चबूतरे के पास जा पहुंचा, और पीछे की तरफ जाकर इसकी आड़ में छिपकर बैठ गया।

भूतनाथ को आड़ में छिपकर बैठे हुए आधे घण्टे से ज्यादा बीत गया मगर किसी की सूरत दिखाई न पड़ी, तब वह उठकर चबूतरे के सामने की तरफ आया जिधर का मुंह खुला हुआ था। वह पत्थर का तख्ता जो हटकर जमीन के साथ लग गया था अभी तक खुला हुआ था। भूतनाथ ने उसके अन्दर की तरफ झांककर देखा मगर अन्धकार के सबब से कुछ दिखाई न पड़ा, हां, उसके अन्दर से कुछ बारीक आवाज जरूर आ रही थी जिसे समझना कठिन था। भूतनाथ पीछे की तरफ हट गया और सोचने लगा कि अब क्या करना चाहिए, इतने ही में अन्दर की तरफ से कुछ खड़खड़ाहट की आवाज आई और वह पत्थर का तख्ता हिलने लगा जो चबूतरे के पल्ले की तरह अलग हो गया था। भूतनाथ उसके पास से हट गया और वह पल्ला चबूतरे के साथ धीरे से लगकर ज्यों-का-त्यों हो गया। उस समय भूतनाथ यह कहता हुआ वहां से रवाना हुआ, “मालूम होता है वे लोग किसी दूसरी राह से इसके अन्दर पहुंच गये!”

भूतनाथ घूमता हुआ फिर अपने कमरे में चला आया और अपनी चारपाई पर से उस लिफाफे को उठा लिया जो उन लोगों में से एक ने उसके सिरहाने रख दिया था। शमादान के पास जाकर लिफाफा खोला और उसके अन्दर से खत निकालकर पढ़ने लगा, यह लिखा हुआ था –

“कल बारह बजे रात को इसी कमरे में मेरा इन्तजार करो और जागते रहो।”

भूतनाथ ने दो-तीन दफे उस लेख को पढ़ा और फिर लिफाफे में रखकर कमर में खोंस लिया, उसके बाद बलभद्रसिंह की चारपाई के पास गया और चाहा कि उनके सिरहाने जो पत्र रक्खा गया है, उसे भी उठाकर पढ़े मगर उसी समय बलभद्रसिंह की आंख खुल गई और चारपाई पर किसी को झुके हुए देख वह उठ बैठा। भूतनाथ पर निगाह पड़ने से वह ताज्जुब में आकर बोला, “क्या मामला है?'

भूत - इस समय एक ताज्जुब की बात देखने में आई है।

बलभद्र - वह क्या?

भूत - तुम जरा सावधान हो जाओ और मुझे अपने पास बैठने दो तो कहूं –

बलभद्र - (भूतनाथ के लिए अपनी चारपाई पर जगह करके) आओ और कहो कि क्या मामला है?

भूतनाथ बलभद्रसिंह की चारपाई पर बैठ गया और उसने जो कुछ देखा था पूरा-पूरा बयान किया तथा अन्त में कहा कि “पढ़ने के लिए मैं तुम्हारे सिरहाने से चिट्ठी उठाने लगा कि तुम्हारी आंख खुल गई, अब तुम खुद इस चिट्ठी को पढ़ो तो मालूम हो कि क्या लिखा है।”

बलभद्रसिंह लिफाफा उठा शमादान के पास चला गया और अपने हाथ से लिफाफा खोला। उसके अन्दर एक अंगूठी थी जिस पर निगाह पड़ते ही वह चिल्ला उठा और बिना कुछ कहे अपनी चारपाई पर जाकर बैठ गया।

चंद्रकांता संतति

देवकीनन्दन खत्री
Chapters
चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 16 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 17 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 8