कामना पूर्ति
‘‘मंत्र परम् लघु जासु बस विधि हरि हर सुर सर्व।’’
महामत्त गजराज कहुं बस कर अंकुश खर्वं।। रामचरित मानस।
तुलसीदासजी खुद मंत्रो के इस प्रभाव के बारेमे अपने रामचरित मानस में ऐसे लिखते है। मंत्रो से गजराज पे भी काबू पाया जा सकता है तथा ईश्वर की कृपा से रोग व्याधि इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।
ऊँ ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं त्रिपुरसुन्दयै नमः।
यह त्रिपुरसुंदरी का मन्त्र है। इस मन्त्र की साधनसे आपके जोभी काम कोर्ट कचेरी में अटके पढ़े है वो सुलझ सकते है। इस मन्त्र की साधना के लिए सफ़ेद वस्त्र धारण कर एकांत में इस मन्त्र का १०८ बार स्मरण करना है। अपनी कामना को एक कागज पे लिखे और मन्त्र पठान के बाद इसे पानी में विसर्जित करे।