Get it on Google Play
Download on the App Store

ओक्टाविया हैचर

1891 में अपने नवजात बच्चे की मृत्यु के बाद ओक्टाविया को एक अजीब सी बीमारी हुई जिसके बाद उसकी मौत हो गयी |केंटकी के उस शहर के कई लोगों को ये बीमारी होने लगी |लेकिन वह सब कुछ दिनों बाद अपने इस कोमा से बाहर आ गए |घबरा के ओक्टाविया के पति ने उसकी कब्र खुदवाई |पर बहुत देर हो चुकी थी | अब वह मर चुकी थी | ताबूत  पर नीचे से खंरोचने के निशान थे जिनसे साबित होता है की ओक्टाविया भी ठीक हुई थी और बाहर आना चाहती थी |उसकी याद में उसके पति ने उसका एक पुतला भी स्थापित किया |