बर्बरीक और घटोतघच
जहाँ एक और घटोतघच एक बेहद विशालकाय शरीर का प्राणी था दूसरी ओर उसका मस्तक हाथी जैसे विशाल था | सर पर केश(उध्गाच ) न होने के कारण उसे ये नाम दिया गया | बर्बरीक ने युद्ध में ये घोषणा कर दी थी की वह उसके तरफ से लडेगा जो हार रहा होगा | परेशान हो कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धर उसके डर पर भिक्षा की गुहार लगायी | पूछने पर उन्होंने उसका शीश भीख में मांग लिया | दिए जाने पर कृष्ण ने उसे वर दिया की कलियुग में उसकी पूजा कृष्ण के रूप में होगी | येही बर्बरीक आज खाटू श्याम के नाम से पूजे जाते हैं |