लुई पाश्चर
The pastor will be honored as a demigod:
Before the Moon finishes its full period
he will be dishonored by other winds.”
फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबॉयोजॉलिस्ट लुई पाश्चर का जन्म 1822 में ‘डोल’ में हुआ था। उन्होंने असमय होने वाली मौत के कारण और बीमारियों की रोकथाम के लिए शोध किए । उन्होंने दुनिया में पहली बार एंथ्रेक्स और रैबीज बीमारियों के टीके विकसित किए। उनका पूरा शोध कार्य रोगों के जीवाणु सिद्धांत पर आधारित था। उनकी पाश्चुरीकृत विधि से दूध और वाइन के खुले तौर पर इस्तेमाल पर रोक लग गई। उन्हें इतिहास के तीन सबसे बड़े माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट में से एक माना जाता है।