लक्षण 2 -गंध
आयुर्वेदानुसार मृत्यु से पहले इंसान के शरीर से अजीब-सी गंध आने लगती है। इसको मृत्यु गंध भी कहा जाता है। यह किसी रोगादि, हृदयाघात, मस्तिष्काघात की वजह से उत्पन्न होती है। यह गंध किसी मुर्दे की गंध की तरह ही होती है। बहुत समय तक अगर आप किसी अंदरुनी रोग को टालते रहेंगे तो उसका परिणाम यह होता है कि भीतर से शरीर लगभग मर चुका होता है।
इटली के वैज्ञानिकों के अनुसार मरते वक्त मानव शरीर मैं से एक खास किस्म की बू निकलती है। इसे मौत की बू कहा जा सकता है। मगर मौत की इस बू का पता दूसरे लोगों को नहीं होता। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि कुछ जानवर, खासकर कुत्ते और बिल्लियां अपनी सूंघने की शक्ति के बल पर मौत की इस गंध को सूंघने में समर्थ होते हैं, लेकिन सामान्य मनुष्यों को इसका पता नहीं चल पाता है । मृत्यु गंध का आभास होने पर ये जानवर अलग तरह की आवाज निकालते हैं। इसीलिए भारत में कुत्ते या बिल्ली के रोने को मौत से जोड़ा जाता है।