निवारण स्थल
त्रर्यम्बकेश्वर को इस दोष से मुक्ति पाने का सबसे उत्तम स्थान माना गया है, यहाँ शांतिकर्म भी किया जाता है। इसके अलावा किसी पवित्र नदी के तट पर स्थित तीर्थस्थान में शिव सान्निध्य में ये प्रयोग किए जा सकते हैं, लेकिन हर व्यक्ति के सामर्थ्य में नहीं होता इस उपाय को करना क्यूंकि ये काफी महंगा , समय लेने वाला और मुश्किल होता है |