मुग़ल साम्राज्य १५२६ -१७०७ ऐ डी
मुग़ल साम्राज्य १५२६ -१७०७ ऐ डी
मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत हुई बाबर के १५२६ में सत्ता को हासिल करने
से |बाबर का राज्य लाहौर और भेरा से बहरैच और बिहार तक और सिअल्कोट से रंथाम्बोर
तक फैला हुआ था | अपने पूर्वजों की तरह बाबर ने हिन्दू मंदिरों को नष्ट कर लूटना
और लोगों को मारने की प्रथा को कायम रखा |बाबर की मौत १५३० में हुई जिसके बाद उसके
सबसे बड़े बेटे हुमायूँ ने आगरा में सत्ता संभाली | हुमायूँ को कई तकलीफों का सामना
करना पड़ा | उसे अपनी सेना का पुनः गठन करना पड़ा और उसके भाइयों और सैनिकों ने भी
उसे काफी तकलीफ दी |
हांलाकि बाबर ने अफ्घानों को हरा दिया था फिर भी उन्होनें हार नहीं
मानी | बंगाल के राजा शेर खान ने हुमायूँ को १५३९ ऐ डी में शिकस्त दी और दिल्ली और
आगरा पर कब्ज़ा कर लिया | इस तरह शेरखान से दिल्ली पर अफ्घानों की सत्ता स्थापित की
| हुमायूँ को भारत से भागना पड़ा |
शेर शाह और सूर साम्राज्य
शेर शाह का शासन सिर्फ पांच साल चला (१५४०-१५४५) लेकिन वह भारत के
इतिहास का एक महत्वपूर्ण समय था | शेर शाह एक काबिल सैन्य और नागरिक व्यवस्थापक था
| उसने कई क्षेत्रों में सुधार लागू किये जिनमें सैन्य और कर प्रशासन शामिल है |
शेर शाह की १५४५ में मौत के बाद उसके बेटे इस्लाम शाह ने १५३३ ऐ डी तक राज्य किया
जिसके बाद मुहम्मद आदिल शाह सत्ता में आया | आदिल एक काबिल शासक नहीं था , इसलिए
उसका मंत्री हेमू प्रमुख बन गया और सत्ता सँभालने लगा | इब्राहीम शाह और सिकंदर
शाह के हमले के बाद सुर साम्राज्य बिखर गया
हुमायूँ की वापसी (१५५५)
इस बीच हुमायूँ ने पर्शियन शाह से समर्थन लिया | उसने लाहौर और
दीपालपुर पर १५५५ में कब्ज़ा किया | जुलाई १५५५ तक हुमायूँ दिल्ली पहुंचा जहाँ उसने
अपना समय राज्य के प्रशासन में लगाना शुरू किया | १५५६ में गिरने से हुमायूँ की
मौत हो गयी |
हुमायूँ की मौत के बाद में भारतीय इतिहास में सबसे शक्तिशाली मुग़ल
राजा – अकबर (१५५६ -१६०५) ने सत्ता की बागडोर संभाली | अकबर ने हुमायूँ की मौत के
बाद १४ साल की उम्र में मुग़ल साम्राज्य की सत्ता को संभाला | उसके चाचा बैरम खान
उसे सलाह देते है | १५५६ में अकबर पानीपत के युद्ध क्षेत्र में हेमू से मिले और
उसकी विशाल सेना को हरा दिया | हेमू की हार से मुग़लों ने दिल्ली और आगरा पर अपने
स्वामित्व स्थापित किया |
अकबर
अकबर राजपूतों के साथ सुलह की नीति का पालन करते थे और शादी के
माध्यम से उनसे समर्थन हासिल करते थे | १५६२ में उन्होनें जयपुर के राजा बिहाल मल
की बड़ी बेटी से शादी की | १५८४ में उनके बेटे सलीम ने राजा भगवान दास की बेटी से
शादी की | उन्होनें १५७६ में हल्दीघाटी की
लड़ाई में राजपूत राजा महाराणा प्रताप से युद्ध किया | एक भीषण युद्ध के बाद अकबर
ने महाराणा प्रताप को शिकस्त दी | अकबर ने १५८९ तक बंगाल , गुजरात , कश्मीर और
काबुल पर और १५९५ तक सिंद और कंधार पर कब्ज़ा किया | डेक्कन की ओर बढ़ते हुए उसने
अहमदनगर पर हमला बोला और चाँद बीबी की बहादुरी प्रदर्शन के बावजूद उसे १५९६ में शिकस्त दी |
ऐसा कहा जाता है की अकबर हिन्दुओं के प्रति सहनशीलता की नीति अपनाते
थे | पर सूत्रों की मुताबिक चित्तोड़ की लड़ाई के बाद अकबर ने 24 फरवरी १५६८ को करीब
३०,००० कैद हिन्दू राजपूतों के क़त्ल के आदेश दिए थे जिसका ज़िक्र अकबर के दरबार के
इतिहासकार अबुल फजल ने भी किया है |
उन्होनें दीन – ए-इलाही नाम का एक नया धर्म लागू करने की कोशिश की जो
दोनों हिन्दू और मुसलमानों को खुश कर दे लेकिन राजनितिक कारणों से उसमें विफल हो
गए | अकबर न सिर्फ एक काबिल प्रशासक थे बल्कि मुग़ल बादशाहों में से सबसे शक्तिशाली
थे | उनके बेटे सलीम उर्फ़ जहाँगीर ने १६०५ में सत्ता की बागडोर संभाली | सलीम अपनी
रानी नूर जहान से बेहद प्रभावित थे और उन्होनें सत्ता की सारी बागडोर नूर जहान पर
छोड़ रखी थी | जहाँगीर की मौत १६२७ में हुई और उनके बाद आये शाह जहान जिन्होनें
१६२७ से १६५८ तक शासन किया | शाह जहां का काल ताज महल और अन्य स्मारकों के निर्माण
के लिए जाना जाता है | वह अपनी पत्नी मुमताज़ महल से बेहद प्यार करते थे और उनकी
मौत के बाद १६३१ में उन्होनें ताज महल का निर्माण कराया |
१६५७ में शाह जहान की तबियत बिगड़ने से सिंहासन को लेकर दारा शाह ,
मुराद और औरंगजेब में युद्ध होने लगा |
औरंगजेब बाकी तीन बेटों में सबसे काबिल होने से सिंघासन पर आसीन हुआ | उसने १६५८
-१७०७ तक शासन किया | औरंगजेब आखरी मुग़ल राजा थे जिन्होनें मुग़ल साम्राज्य को उसके
शिखर पर पहुँचाया | औरंगजेब का राज्य घजनी से बंगाल और कश्मीर से डेक्कन तक फैला
हुआ था | पर वह एक धार्मिक कट्टरपंथी था और उसने कई मंदिर का नष्ट किया और
ज़बरदस्ती हिन्दुओं को इस्लाम में परिवर्तित किया |
औरंगजेब को शिवाजी के नेतृत्व में
मराठों से भारी विद्रोह का सामना करना पड़ा और वह उन पर काबू पाने में असफल
रहा | १६०० के करीब मुघलों ने सर थॉमस रो की यात्रा के बाद अंग्रेजों से सम्बन्ध
स्थापित किये | औरंगजेब की मौत १७०७ में हुई जिसके बाद बहादुर शाह I ने सत्ता
संभाली | बहादुर शाह I को मराठों , राजपूत और सिखों से काफी विद्रोह का सामना करना
पड़ा | दिल्ली में मुग़ल साम्राज्य बहादुर शाह I की १७१२ में मौत के बाद कई कमज़ोर
शासकों के नेतृत्व में चलता रह | मुग़ल साम्राज्य के विघटन से मराठा ताकत , सिख और
ब्रिटिश इंडिया कंपनी का आगमन हुआ | आख़री मुग़ल राजा बहादुर शाह II ने १८५७ के
अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में भाग लिया
| इस विद्रोह के असफल होने पर उन्हें कैद कर रंगून भेज दिया गया जहाँ १८६२ में
उनकी मौत हो गयी | इस से मुग़ल साम्राज्य का भारत में अंत हो गया |