Get it on Google Play
Download on the App Store

स्याम मने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी

स्याम मने चाकर राखो जी
                           गिरधारी लाला चाकर राखो जी।

चाकर रहसूं बाग लगासूं नित उठ दरसण पासूं।
बिंद्राबन की कुंजगलिन में तेरी लीला गासूं॥

चाकरी में दरसण पाऊं सुमिरण पाऊं खरची।
भाव भगति जागीरी पाऊं तीनूं बाता सरसी॥

मोर मुकुट पीतांबर सोहै गल बैजंती माला।
बिंद्राबन में धेनु चरावे मोहन मुरलीवाला॥

हरे हरे नित बाग लगाऊं बिच बिच राखूं क्यारी।

सांवरिया के दरसण पाऊं पहर कुसुम्मी सारी।

जोगी आया जोग करणकूं तप करणे संन्यासी।
हरी भजनकूं साधू आया बिंद्राबन के बासी॥

मीरा के प्रभु गहिर गंभीरा सदा रहो जी धीरा।
आधी रात प्रभु दरसन दीन्हें प्रेमनदी के तीरा॥