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अष्टम भाव में शनि

इस भाव का शनि खाने पीने और मौज मस्ती करने के चक्कर में जेब हमेशा खाली रखता है। किस काम को कब करना है इसका अन्दाज नही होने के कारण से व्यक्ति के अन्दर आवारागीरी का उदय होता देखा गया है उच्च का शनि अत्तीन्द्रीय ज्ञान की क्षमता भी देता हैं गुप्त ज्ञान भी शनि का कारक हैं|