Get it on Google Play
Download on the App Store

विक्टर

जॉन मिल्टन के महाकाव्य पैराडाइस लॉस्ट का मेरी शेली पर खासा प्रभाव माना जाता है (पैराडाइस लॉस्ट में से एक संविदा भाव कोटेशन का इस्तेमाल फ्रैंकनस्टाइन के पहले पन्ने पर होना और शेली दैत्य को इस संविदा भाव को पढ़ने की इजाज़त भी देती है). मिल्टन ने पैराडाइस लॉस्ट में ईश्वर को अक्सर "द विक्टर" कहकर संबोधित किया है और शेली के लिए विक्टर भगवान की तरह ही है क्योंकि वह भी जीवन का सृजन करता है। इसके अलावा, शेली द्वारा दिया गया दैत्य का वर्णन पैराडाइस लॉस्ट में शैतान के चरित्र से काफी हद तक मेल खाता है और दैत्य इस महाकाव्य को पढ़ने के बाद यहां तक कहता है कि वह उसमें शैतान के चरित्र से समानुभूति रखता है।

विक्टर और मेरी के पति, पर्सी शेली के बीच भी कई समानताएं हैं। विक्टर, पर्सी शेली का उपनाम था, उन्होंने अपनी बहन एलिज़ाबेथ के साथ मिलकर लिखे गए कविताओं के एक संग्रह का नाम ऑरिजिनल पोइट्री बाय विक्टर एंड कज़ायर रखा था। कयास लगाए जाते रहे हैं कि विक्टर फ्रैंकनस्टाइन के चरित्र लिए मेरी शेली ने पर्सी को आदर्श माना था, क्योंकि पर्सी ने ऐटन में "विद्युत और चुम्बकीय शक्ति के साथ और बारूद एवं दूसरे रसायनों के साथ कई प्रयोग किए थे" और उनके ऑक्सफॉर्ड में उनके कमरे वैज्ञानिक उपकरणों से भरे पड़े थे। पर्सी शेली, ऊंची राजनीतिक पहुंच के एक अमीर जागीरदार के बड़े बेटे थे और कासल गोरिंग के पहले उपसामंत, सर बायशी शेली और एरंडल के 10वें सामंत, रिचर्ड फिट्ज़लन के वंशज थे। विक्टर का परिवार भी इलाके के रौबदार परिवारों में से था और उसके पूर्वज राजदरबारी हुआ करते थे। पर्सी की एलिज़ाबेथ नाम की एक बहन थी। विक्टर की एक मुंहबोली बहन थी जिसका नाम भी एलिज़ाबेथ था। 22 फ़रवरी 1815 ने समय से दो महीने पहले (प्रीमैच्योर) एक बच्चे को जन्म दिया जिसकी दो हफ्ते बाद मृत्यु हो गई। पर्सी ने इस अवधिपूर्व बच्चे की स्थिति पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और पर्सी के संबंध मेरी की सौतेली बहन क्लैरी के साथ बढ़ने लगे. जब विक्टर ने देखा की दैत्य जीवित हो उठा है तो वह कमरा छोड़कर भाग गया, हालांकि वह दैत्य उस तरह विक्टर की ओर बढ़ा था जैसे कि एक नवजात शिशु अपने माता-पिता की ओर बढ़ता है। विक्टर का दैत्य के प्रति दायित्व, इस उपन्यास की मुख्य विषय-वस्तु है।