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मोम का शेर

सर्दियों के दिन थे, अकबर का दरबार लगा हुआ था। तभी फारस के राजा का भेजा एक दूत दरबार में उपस्थित हुआ। राजा को नीचा दिखाने के लिए फारस के राजा ने मोम से बना शेर का एक पुतला बनवाया था और उसे पिंजरे में बंद कर के दूत के हाथों अकबर को भिजवाया, और उन्हे चुनौती दी की इस शेर को पिंजरा खोले बिना बाहर निकाल कर दिखाएं। बीरबल की अनुपस्थिति के कारण अकबर सोच पड़ गए की अब इस समस्या को कैसे सुलझाया जाए। अकबर ने सोचा कि अगर दी हुई चुनौती पार नहीं की गयी तो जग हसायी होगी। इतने में ही परम चतुर, ज्ञान गुणवान बीरबल आ गए। और उन्होने मामला हाथ में ले लिया। बीरबल ने एक गरम सरिया मंगवाया और पिंजरे में कैद मोम के शेर को पिंजरे में ही पिघला डाला। देखते-देखते मोम पिघल कर बाहर निकल गया । अकबर अपने सलाहकार बीरबल की इस चतुराई से काफी प्रसन्न हुए और फारस के राजा ने फिर कभी अकबर को चुनौती नहीं दी। Moral: बुद्धि के बल पर बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है|

अकबर बीरबल

संकलित
Chapters
किसका पानी अच्छा यह हुजूर का दिया है तीन-तीन गधों का बोझ बीरबल की खिचड़ी मासूम सज़ा सारा जग बेईमान चोर की दाढ़ी में तिनका आदमी एक रूप तीन लहरें गिनना किसका नौकर कौन किसकी नेमत कौन गधा तम्बाकू खाता है किसका अफसर किसकी दाढ़ी की आग मोती बोने की कला पैर और चप्पल पहली मुलाकात ईश्वर अच्छा ही करता है कल, आज और कल कवि और धनवान आदमी खाने के बाद लेटना छोटा बांस, बड़ा बांस जब बीरबल बच्चा बना जल्दी बुलाकर लाओ जितनी लम्बी चादर उतने पैर पसारो जीत किसकी पान वाले को चूना ऊँट की गर्दन अब तो आन पड़ी है जोरू का गुलाम टेढा सवाल तीन सवाल तोता ना खाता है ना पीता है पंडित जी बादशाह का गुस्सा बादशाह का सपना बादशाह की पहेलियाँ बीरबल और तानसेन का विवाद बीरबल कहाँ मिलेगा भाई जैसा मूर्खों की फेहरिस्त राखपत और रखापत राज्य में कौए कितने हैं रेत और चीनी सब बह जाएंगे सब लोग एक जैसा सोचते हैं सबसे बड़ा हथियार सबसे बड़ी चीज हरा घोड़ा मोम का शेर एक पेड़ दो मालिक कुंवे का किराया दुष्ट हज्जाम की दुर्दशा आधा इनाम