Get it on Google Play
Download on the App Store

यमराज का पहला मंदिर

भरमौर (हिमाचल)   यम देवता को समर्पित यह मंदिर हिमाचल के चम्बा जिले में भरमौर नामक स्थान पर स्तिथ है। यह मंदिर देखने में एक घर की तरह दिखाई देता है। इस मंदिर में एक खाली कक्ष भी है जिसे चित्रगुप्त का कक्ष कहा जाता है।
 
इस मंदिर से जुड़ी मान्यता ये है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है तब यमराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं। चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मो का पूरा ब्योरा देते हैं। इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है।
 
यहां पर यमराज कर्मों के अनुसार आत्मा को अपना फैसला सुनाते हैं। यह भी मान्यता है इस मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं। यमराज का फैसला आने के बाद यमदूत आत्मा को कर्मों के अनुसार इन्हीं द्वारों से स्वर्ग या नर्क में ले जाते हैं। गरूड़ पुराण में भी यमराज के दरबार में चार दिशाओं में चार द्वार का उल्लेख किया गया है।