Get it on Google Play
Download on the App Store

पुरी का जगन्नाथ मंदिर

हर 12 साल बाद जो ब्रह्मा जगन्नाथ भगवान की मूर्ति के अन्दर स्थित हैं उन्हें नयी मूर्तियों में स्थानांतरित कर दिया जाता है | ये प्रथा हजारों साल से चल रही है लेकिन किसी ने भी इस प्रक्रिया को करने वाले ब्राह्मण को देखा नहीं है | ऐसा कहा जाता है की जब भगवान कृष्ण के शरीर का अंतिम संस्कार हुआ था तो अग्नि उनके दिल को नहीं जला पाई और जगन्नाथ मंदिर की मूर्ति के भीतर स्थित ब्रह्मा श्री कृष्ण का वो दिल ही है |